MURLI 18-12-2023 ” मीठे बच्चे – आत्मा और परमात्मा का मिलन ही सच्चा-सच्चा संगम अथवा कुम्भ है, इसी मिलन से तुम पावन बनते हो, यादगार में फिर वह मेला मनाते हैं”

murli written by brahma baba for brahma kumaris

MURLI 18-12-2023 18-12-2023 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा”‘ मधुबन MURLI 18-12-2023 “मीठे बच्चे – आत्मा और परमात्मा का मिलन ही सच्चा-सच्चा संगम अथवा कुम्भ है, इसी मिलन से तुम पावन बनते हो, यादगार में फिर वह मेला मनाते हैं” प्रश्नः- तुम बच्चों में किस बात की बहुत-बहुत सयानप चाहिए? उत्तर:- ज्ञान की जो नाज़ुक बातें हैं, … Read more

MURLI 09-11-2023 “मीठे बच्चे – देह-अभिमान में आने से ही माया की चमाट लगती है, देही-अभिमानी रहो तो बाप की हर श्रीमत का पालन कर सकेंगे”

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MURLI 09-11-2023 09-11-2023 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा”‘ मधुबन “मीठे बच्चे – देह-अभिमान में आने से ही माया की चमाट लगती है, देही-अभिमानी रहो तो बाप की हर श्रीमत का पालन कर सकेंगे” प्रश्नः- बाप के पास दो प्रकार के पुरुषार्थी बच्चे हैं, वह कौन से? उत्तर:- एक बच्चे हैं जो बाप से वर्सा लेने का … Read more

MURLI 05-11-23

05-11-23 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 10-03-96 मधुबन ‘करनहार’ और ‘करावनहार’ की स्मृति से कर्मातीत स्थिति का अनुभव आज कल्याणकारी बाप अपने साथी कल्याणकारी बच्चों को देख रहे हैं। सभी बच्चे बहुत ही लगन से, प्यार से विश्व कल्याण का कार्य करने में लगे हुए हैं। ऐसे साथियों को देख बापदादा सदा वाह साथी बच्चे … Read more

MURLI 31-10-2023 “मीठे बच्चे – तुम अभी पुजारी से पूज्य, बेगर से प्रिन्स बन रहे हो, इसलिए तुम्हें खुशी में खग्गियां मारनी है, कभी भी रोना नहीं है”

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MURLI 31-10-2023 31-10-2023 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा”‘ मधुबन “मीठे बच्चे – तुम अभी पुजारी से पूज्य, बेगर से प्रिन्स बन रहे हो, इसलिए तुम्हें खुशी में खग्गियां मारनी है, कभी भी रोना नहीं है” प्रश्नः- अविनाशी ज्ञान रत्नों की वर्षा से भारत को साहूकार बनाने के लिए बाप तुम्हें किस बात में आप समान बनाते … Read more

MURLI 30-10-2023

30-10-2023 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा”‘ मधुबन “मीठे बच्चे – अभी तुम बहुत बड़े स्टीमर में बैठे हो, तुम खारी चैनल को पार कर क्षीरसागर में जा रहे हो, तुम्हारा लंगर उठ चुका है” प्रश्नः- बच्चों को विशेष थकावट किस बात में आती है? थकावट आने का मुख्य कारण क्या है? उत्तर:- बच्चे चलते-चलते याद की … Read more

MURLI 29-10-23

29-10-23 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 27-02-96 मधुबन “सत्यता का फाउण्डेशन है पवित्रता और निशानी है – चलन वा चेहरे में दिव्यता” आज सत-बाप, सत-शिक्षक, सतगुरू अपने चारों ओर के सत्यता के शक्ति स्वरूप बच्चों को देख रहे हैं। सत्यता का फाउण्डेशन पवित्रता है। और सत्यता का प्रैक्टिकल प्रमाण चेहरे पर और चलन में दिव्यता … Read more

MURLI 28-10-2023

28-10-2023 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा”‘ मधुबन “मीठे बच्चे – बेहद सर्विस के लिए तुम्हारी बुद्धि चलनी चाहिए। ऐसी बड़ी घड़ी बनाओ जिसके कांटों में रेडियम हो जो दूर से ही चमकता रहे। प्रश्नः- सर्विस की वृद्धि के लिए कौन-सी युक्ति रचनी चाहिए? उत्तर:- जो-जो महारथी होशियार बच्चे हैं उनको अपने पास बुलाना चाहिए। महारथी बच्चे … Read more

MURLI 28-10-2023 “मीठे बच्चे – बेहद सर्विस के लिए तुम्हारी बुद्धि चलनी चाहिए। ऐसी बड़ी घड़ी बनाओ जिसके कांटों में रेडियम हो जो दूर से ही चमकता रहे।

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MURLI 28-10-2023 28-10-2023 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा”‘ मधुबन “मीठे बच्चे – बेहद सर्विस के लिए तुम्हारी बुद्धि चलनी चाहिए। ऐसी बड़ी घड़ी बनाओ जिसके कांटों में रेडियम हो जो दूर से ही चमकता रहे। प्रश्नः- सर्विस की वृद्धि के लिए कौन-सी युक्ति रचनी चाहिए? उत्तर:- जो-जो महारथी होशियार बच्चे हैं उनको अपने पास बुलाना चाहिए। … Read more

MURLI 27-10-2023 “मीठे बच्चे – तुम्हारी दिल में खुशी के नगाड़े बजने चाहिए क्योंकि बेहद का बाप तुम्हें बेहद का वर्सा देने आया है”

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MURLI 27-10-2023 27-10-2023 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा”‘ मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारी दिल में खुशी के नगाड़े बजने चाहिए क्योंकि बेहद का बाप तुम्हें बेहद का वर्सा देने आया है” प्रश्नः- माया ने मनुष्यों को किस भ्रम में भरमा दिया है जिस कारण वे स्वर्ग में चलने का पुरुषार्थ नहीं कर सकते? उत्तर:- माया का … Read more

MURLI 17-12-23

17-12-23 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 06-03-97 मधुबन शिव जयन्ती की गिफ्ट – मेहनत को छोड़ मुहब्बत के झूले में झूलो आज स्वयं शिव पिता अपने चारों ओर के आये हुए बच्चों से अपनी जयन्ति मनाने आये हैं। कितना बच्चों का भाग्य है जो स्वयं बाप मिलने और मनाने आये हैं। दुनिया वाले तो पुकारते … Read more