Shrimat is Divine Opinion New ईश्वरीय मत ही है श्रीमत

Shrimat is Divine Opinion New ईश्वरीय मत ही है श्रीमत

BRahma kumaris

S. no.Shrimat is Divine Opinion
ईश्वरीय मत ही है श्रीमत
1P-001/श्रीमत किसे कहेंगे?who will say shrimat?/ब्रह्मा कुमारीज
2P -002 /श्रीमत की परिभाषा/definition of shrimat/ ब्रह्मा कुमारीज
3P-003 श्रीमत का निर्णय और विधि विधान?/What is the decision of shrimat and the law?
4श्रीमत का निश्चय एवं विजय -004/2/shrimat’s determination and victory-004/2
5श्रीमत का निश्चय एवं विजय -004/1 /Shrimat’s Determination and Victory-004
6श्रीमत और पुरूषार्थ -005/Shrimat’s Determination and Victory-004
7श्रीमत और यथार्थ गीताज्ञान 010/Status of Shrimat and Accurate Gita Knowledge-010
8श्रीमत और परमात्मा 011/Status of shrimat and the divine-011
9श्रीमत और परमात्मा 02/ Status of shrimat and the divine-011
10श्रीमत और आत्मा 013/ Status of shrimat and the Aatma-013
11श्रीमत और आत्मा 013/ Status of shrimat and the Aatma-013
12शिव पिता मां शक्ति द्वारा सृष्टि रचते हैं Shiva father creates the world through mother power
13श्रीमत और देह से न्यारी स्थिति 014/ separate from shrimat and the body-014
14श्रीमत और सृष्टि – चक्र 015/ separate from shrimat and creation – the wheely
15श्रीमत और सृष्टि – चक्र 017/ separate from shrimat and creation – the wheely-
16श्रीमत और सृष्टि – चक्र 02/ separate from shrimat and creation – the wheely-
17श्रीमत -एक अद्भुत रहस्य- विश्व नाटक की हुबहू पुनरावृत्ति होती है 018/1
18श्रीमत और विश्व-नाटक 018/3 – विघ्न आएं पर हर्षित रहें कैसे?/अद्भुत राज़
19श्रीमत और विश्व-नाटक 018/3 – विघ्न आएं पर हर्षित रहें कैसे?/अद्भुत राज़
20श्रीमत और विश्व-नाटक-एकान्त 018/5 – एक परमात्मा की याद में शरीर का अन्त।?अद्भुत राज़
21श्रीमत और विश्व-नाटक 018/6 — ईश्वर की भावी नहीं, ड्रामा की भावी होती है।?अद्भुत राज़
22श्रीमत और विश्व-नाटक-018/7 – होनी होकर रहे अनहोनी न होए।?अद्भुत राज़
23श्रीमत और विश्व-नाटक P-019/1 -परम आत्मा रचयिता नहीं है परंतु रचना करने की विधि सिखाता है।?अद्भुत राज
24श्रीमत और विश्व-नाटक-P-019/2- “भगवान ने यह आवागमन का नाटक रचा ही क्यों?”?अद्भुत राज
25श्रीमत और विश्व-नाटक-P-020/1 – “किसी के कष्ट देने में भी हमारा कल्याण है?अद्भुत राज/ ब्रह्मा कुमारीज
26श्रीमत और विश्व-नाटक-P-020/3 – ““अज्ञानी के लिये जिसमें अकल्याण है ज्ञानी के लिये उसमें कल्याण है”
27श्रीमत और विश्व-नाटक-P-020/4 – “कल्प कल्प हमने वही पार्ट बजाया है बजाते रहते हैं बजाते रहेंगे।”
28श्रीमत और विश्व नाटक की कल्याणकारिता -P-20/5“समय की तीव्र गति के साथ बीती को बीती करने की गति तेज़
29श्रीमत और विश्व नाटक की कल्याणकारिता -p020/7 “ड्रामा का ज्ञान और ड्रामा में भी समय का ज्ञान समझने
30श्रीमत और विश्व नाटक की कल्याणकारिता -P-020/8 ““ड्रामा के राज़ को जानने वाले नाराज़ नहीं होते।”
31श्रीमत और विश्व नाटक की कल्याणकारिता -P-020/9“कल्याणकारी युग है कल्याणकारी बाप है तो और आप सब का काम
32श्रीमत और विश्व नाटक की कल्याणकारिता -P-021/9 ““बच्चे अनजान हैं, इसलिए उनका कोई दोष दिखाई नहीं पड़ता
33श्रीमत और विश्व नाटक की कल्याणकारिता -P-021/2 “प्रसन्नचित अर्थात् सदा निस्वार्थ, निर्
34श्रीमत और विश्व नाटक की कल्याणकारिता -P-021/3 ““वर्ल्ड ड्रामा में क्षमा अक्षर ही नहीं है।”
35श्रीमत और विश्व नाटक की कल्याणकारिता -P-021/5“इसमें जीतते भी है और फिर हारतें भी है। यह चक्र पूरा हु
36श्रीमत और विश्व-नाटक की न्यायपूर्णताज-021/4 “जो करेगा, वह पायेगा। इस लॉ को तो परमात्मा भी ब्रेक/
37श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता“P-021/05 -जन्म लेने वाले ही सम्पूर्ण निश्चय बुद्धि बनेंगे।”
38श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता-“P-021/7 जो बात बीती जिस रुप में बीत गई वह फिर रिपीट नहीं होगी।
39श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता“21/8 -“जो फीचर्स, जो एक्ट सेकेण्ड बाई सेकेण्ड पास्ट हुई, वह फिर
40श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता“21/9 -“सारी दुनिया में जो पार्ट बजता है, वह एक-दो से नया ही है।
41श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता“21/10 ““ड्रामा बड़े कायदे अनुसार चलता रहता है। इस ड्रामा .
42श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता“21/12 -“ड्रामा प्लॉन कायदे अनुसार सबको तमोप्रधान बनना ही है।”
43श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता“21/12“जो श्रीमत पर चलते हैं, वे ही ऊंच पद पाते हैं। बाकी सब
44श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता“22/01“यह अनादि-अविनाशी ड्रामा है। इस ड्रामा की आयु 5000 वर्ष है
45श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता“22/02 “इस अनादि-अविनाशी ड्रामा में सच से जीत,झूठ से हार होती है
46श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णता“22/03 “इसमें रोने- पीटने आदि की बात ही नहीं है। …. हम आत्माये
47श्रीमत और विश्व नाटक की न्यायपूर्णताखेल भावना“22/04“अगर इसको खेल समझो तो खेल में कभी परेशान नहीं हों
48श्रीमत और विश्व-नाटक P-022/05 “फिर से अपनी राजधानी स्थापन करेंगे, जैसे कल्प पहले की थी।”
49श्रीमत और विश्व-नाटक P-022/6“संगमयुग पर युद्ध कर माया से विजय प्राप्त करना भी एक खेल समझते हो, मेहनत
50श्रीमत और विश्व-नाटक P-022/7 “प्रकृति और माया के पांच- पांच खिलाड़ियों का खेल हैं। साक्षी हो कर देखो
51श्रीमत और विश्व नाटक P-022/08 “माया से घबराओ नहीं लेकिन एक मनोरंजन समझो।”
52श्रीमत और विश्व नाटक 022/09“…….बुद्धि में मेरा बाबा कहा और टच होगा कि यह ऐसे होगा।”
53श्रीमत और विश्व नाटक P-023/01 “यह बना बनाया ड्रामा है, इससे कोई छूट नहीं सकता।”
54P-023/02/आत्मा स्टार में कितना बड़ा अविनाशी ज्ञान भरा है,84 जन्मों(5000 वर्ष) का पार्ट भरा हुआ है।
55श्रीमत-023/03/“हरेक आत्मा में अपना-अपना पार्ट नँधा हुआ है,जो हरेक आत्मा अपना पार्ट फिर हू ब हू रिपीट
56विश्व-नाटक का रहस्य यथार्थ रीति: जानने वाली आत्मा/पुरुषार्थ हीन हो सकती है?
57श्रीमत और साक्षी स्थिति Part-01
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